Monday 24 June 2013

इंद्रस् एक ऋग्वैदिक नायक

ऋग्वेद मेँ इंद्र पौराणिक इंद्र से भिन्न है लेकिन अधिकतर सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति मेँ ऋग्वैदिक परंपरा की बजाय पौराणिक परंपरा जीवित है।

मुद्दा है असली इंद्र कौन थे?

माँ शवषी के गर्भ से जन्मे पिता त्वष्टा के वंशज और शची पति था इंद्र। संभवतः ऋषि अर्यमा ने उन्हेँ युद्ध और भाषा की शिक्षा दी थी।

युद्ध कुशल इंद्र ने कईँ लड़ाईयाँ लड़कर मध्य एशिया, काकेशस और आधुनिक ईरान अफ़ग़ानिस्तान और पश्चिमी पाकस्तान पर एक छत्र राज किया। उसका सबसे भयंकर युद्ध वृत्र के साथ हुआ। वृत्र संभवतः असीरिया (अब सीरिया) का राजा था। उसका मित्र पुलोमा था। जिसकी पुत्री शची थी।

शची को इंद्र से प्यार हुआ और इंद्र को भी। पर पुलोमा ने विवाह की शर्त रखी क्यूँकि पुलोमा वृत्र द्वारा निकाला गया था अतः उसने वृत्र को मार लाने की बात कही ये हि नहीँ वृत्र क्रुर था इसीलिए इंद्र ने उसे मारा । बाद मेँ पुलोमा राजा बन गए और शची का ब्याह इंद्र से हो गया। इसी वजह से इंद्र को वृत्रह्न या वृत्रघ्न कहा जाता है। अगली बार इंद्र और उसके पिता त्वष्टा और दानवोँ के विनाश और उपाधि के बारे मेँ बताउँगा।

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